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Emergency ka Kahar aur Censor ka Zahar - Paperback
- Stock Status: In Stock.
- Publisher: Prabhat Prakashan
- ISBN-13: 9789352666232
- Total Pages: 472
- Edition: 1
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Paperback
- Year: 2019
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इस पुस्तक के पृष्ठों में आपातस्थिति के अँधेरे में किए गए काले कारनामों और करतूतों का विवरण दिया गया है। हमारे देश के इतिहास में आपातकाल एक ऐसा कालखंड है, जिसकी कालिख काल की धार से भी धुलकर साफ नहीं हुई है। इस दौरान विपक्ष के प्रायः सभी प्रमुख नेताओं और हजारों नागरिकों को बिना मुकदमा चलाए जेल में डाल दिया गया था। इनमें करीब 250 पत्रकार भी थे। लोगों को अनेक ज्यादतियों और पुलिस जुल्म का सामना करना पड़ा था। अखबारों के समाचारों पर कठोर सेंसर लगा दिया गया था। यह इमरजेंसी का ब्रह्मास्त्र साबित हुआ। जो काम अंग्रेजों ने नहीं किया था, वह इंदिरा गांधी की सरकार ने कर दिखाया।
विडंबना यह कि करीब साढ़े चार दशक बाद आज की पीढ़ी को यह भरोसा नहीं हो पा रहा है कि लोकतांत्रिक भारत में जनता की आजादी के विरुद्ध ऐसा भी तख्तापलट हुआ, जिसका विरोध-प्रतिरोध करने वालों को इसे ‘आजादी की दूसरी लड़ाई’ की संज्ञा देनी पड़ी..
Pustak Details | |
Sold By | Prabhat Prakashan |
Author | Balbir Dutt |
ISBN-13 | 9789352666232 |
Edition | 1 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Pages | 472 |
Publication Year | 2019 |
Category | POLITICAL SCIENCE / General |