- Author Name: Chitra Bhushan Shrishtav,
- ISBN: 9788187727179
- Edition: 1st Edition
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats:Hardcover
- Stock Status: In Stock
- ISBN-13: 9788187727179
Pustak Details | |
Author | Chitra Bhushan Shrishtav |
ISBN-13 | 9788187727179 |
Format | Hardcover |
Language | Hindi |
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Book Description
अनुगुंजन
प्रो सी बी श्रीवास्तव की कविताओं में सरलता , सरसता, गेयता तथा दिशा-बोध बहुत साफ दिखाई देते हैं। विचारों की दृढ़ता तथा भावों की स्पष्टता के लिये उदाहरण स्वरूप अनुगुंजन से निम्नलिखित पंक्तियां प्रस्तुत की जा सकती हैं–:
मंजिल कोई दूर नहीं है, चलने का अभ्यास चाहिये।
दूरी स्वयं सिमट जाती है, मन का दृढ़ विश्वास चाहिये।
या
हर अंधेरे में कहीं सोई उजाले की किरण है–
तपन के ही बाद होता चाँदनी का आगमन है।
हो रहा आचरण का निरंतर पतन , राम जाने कि क्यों राम आते नहीं
है सिसकती अयोध्या दुखी नागरिक दे के उनको शरण क्यों बचाते नहीं ?
..................अनुगुंजन से
विभिन्न विषयों पर लगभग १५० रचनायें हैं , सभी आकर्षक पठनीय तथा गेय हैं। निष्ठा एवं उल्लास का भाव श्रीवास्तव जी की रचनाओं में गहराई से समाया हुआ है तथा जीवन के स्पंदन की मुस्कुराहट इन कविताओ में परिलक्षित होती है।